नई स्फूर्ति दे जाने वाला, नव संवत् है आनेवाला। नई स्फूर्ति दे जाने वाला, नव संवत् है आनेवाला।
हर रोग से मुक्ति दिला जाने को, एक नया अवसर है आया। हर रोग से मुक्ति दिला जाने को, एक नया अवसर है आया।
थमें नहीं कभी तेरे कदम, निरंतरता हो तेरा मकसद। थमें नहीं कभी तेरे कदम, निरंतरता हो तेरा मकसद।
क्यों नकल करें पश्चिम की जब ये अपने मन को यूं भाता है। क्यों नकल करें पश्चिम की जब ये अपने मन को यूं भाता है।
वर दे वीणावादिनी वर दे ! ----- सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" वर दे वीणावादिनी वर दे ! ----- सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
बिसरा सारे अंधियारे को नव प्रकाश से नाता जोड़ें। बिसरा सारे अंधियारे को नव प्रकाश से नाता जोड़ें।